सीप एवं कलवाल नदी के संगम पर बना यह किला प्रस्तर शिल्प का बेजोड़ नमूना है पुरातत्व संग्रहालय हेतु यहाँ 425 बेसकीमती मूर्तियों का भी संग्रह किया गया है| यहा स्थित गूजरी महल नरसिंह महल, दरबार होल, राजा इन्द्र सिंह व राजा किशोरदास की छतरीया दर्शनीय है | किले के कुछ भवन राज्य संरक्षित घोषित हे